बेंगलूरु. गलुरू के नम्मा मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी के एक दिन बाद, सोमवार, 10 फरवरी को बेंगलुरू मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने सामान्य सोमवार की तुलना में 8.29 लाख यात्रियों के साथ सवारियों की संख्या में 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की।
बीएमआरसीएल के अधिकारियों ने सवारियों की संख्या में गिरावट का कारण मेगा एयरो शो ‘एयरो इंडिया 2025’ के उद्घाटन को बताया, लेकिन यह गिरावट तब सामने आई है जब बेंगलुरू मेट्रो ने खुद को भारत की सबसे महंगी मेट्रो के रूप में पेश किया है, जिसका अधिकतम किराया 90 रुपये है। बीएमआरसीएल के पिछले आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को सवारियों की संख्या 8.6 लाख से अधिक थी।
संशोधन के बाद, न्यूनतम किराया 10 रुपये है, जबकि अधिकतम टिकट किराया 50 प्रतिशत बढ़ाकर 60 रुपये से 90 रुपये कर दिया गया है।
आमजन पर पड़ेगा असर
दैनिक यात्रियों की मानें तो बढ़ती महंगाई में किराया वृद्धि आमजन की कमर तोडऩे का काम करेगी। लोग समय की बचत व कम किराए के चलते मेट्रो का उपयोग करने लगे थे। इसी के चलते नम्मा मेट्रो ने पिछले एक साल में राइडर शिप के चार नए कीर्तिमान भी बनाए। मेट्रो की किराया वृद्धि बेंंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) की वातानुकूलित बसों कि किराए की तुलना में बहुत अधिक है। कैम्पेगौड़ा (मैजेस्टिक) बस स्टैंड से आईटीपीएल तक बीएमटीसी की वातानुकूलित बस का किराया 55 रुपए है जबकि मेट्रो का अधिकतम किराया 90 रुपए हो गया है। किराया वृद्धि को लेकर राजस्थान पत्रिका ने मेट्रो के दैनिक यात्रियों से उनके व्यू जाने।
बीएमआरसीएल को चिंतन करने की जरूरत
राव ने कहा, “हमें संशोधित मेट्रो किराए पर जनता की प्रतिक्रिया के बारे में पता है। हम आलोचनाओं को रचनात्मक रूप से ले रहे हैं। चूंकि कुछ किराया स्लैब में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, इसलिए हम उनकी समीक्षा करेंगे और विसंगतियों को दूर करेंगे, यदि कोई हो।” उन्होंने यह भी कहा कि किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) एक वैधानिक निकाय है जो मेट्रो किराया संशोधन की सिफारिश करने के लिए जिम्मेदार है, और बीएमआरसीएल इसकी सिफारिशों से बंधा हुआ है। उन्होंने कहा, “अंतिम निर्णय समिति की सिफारिशों के आधार पर किया जाता है क्योंकि बीएमआरसीएल को उन्हें मेट्रो रेलवे अधिनियम के अनुसार लागू करना होता है।”